https://shirazehind.blogspot.com/2015/08/blog-post.html
मैं मित्रता दिवस जैसी नौटंकी में यक़ीन नहीं रखता क्यों कि जिसे देखिये बड़ी बड़ी बातें और मित्रता के वादे भेज रहा है एक दुसरे को जैसे कोई दस्तूर हो कि जिससे भी ज़रा सी बात चीत है सब दोस्त ही है। सच्ची दोस्ती करने और सच्चा दोस्त बनने का दम किसी में नहीं आज के युग में । बस सब खोखली बातें और ऐसे रिश्ते का नाम दोस्ती है जो वक़्त और ज़रुरत के मुताबिक़ बनते और बिगड़ते रहते हैं ।
बुरे समय में या परेशानी के समय हर इंसान आज के युग में अकेला ही रहता है । बस कुछ क़िस्मत वालो को सच्चा दोस्त मिल जाता है और यक़ीन जानिये ऐसे दोस्त यह फ्रेंडशिप कार्ड जैसी नौटंकी में यक़ीन नहीं रखते ।
सच कड़वा होता है इसलिए माफी उनसे पहले ही मांग लेता हूँ जिन्हे बुरा लगा हो ।
बुरे समय में या परेशानी के समय हर इंसान आज के युग में अकेला ही रहता है । बस कुछ क़िस्मत वालो को सच्चा दोस्त मिल जाता है और यक़ीन जानिये ऐसे दोस्त यह फ्रेंडशिप कार्ड जैसी नौटंकी में यक़ीन नहीं रखते ।
सच कड़वा होता है इसलिए माफी उनसे पहले ही मांग लेता हूँ जिन्हे बुरा लगा हो ।